बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाएँ अपने ग्राहकों के लेन-देन का विस्तृत विवरण वितरण रखती हैं, जिसे बैंक खाता (बैंक एकाउन्ट) कहते हैं। बैंक खाते कई प्रकार के हो सकते हैं जिसमें से बचत खाता, क्रेडिट कार्ड खाता, चालू खाता आदि प्रमुख हैं। समय की आवश्यकता के अनुसार बैंक नए प्रकार के खाते भी प्रस्तुत कर सकते हैं जिसके नियम और शर्तें पहले से मौजूद खातों से कुछ अलग हों। खातों में यह विवरण होता है कि ग्राहक ने कब कितना लेन-देन किया, कितना ब्याज आदि लगाया गया। अर्थात किसी भी दिन उस खाते की क्या स्थिति है (उसमें कितना पैसा जमा है, कितना अधिकतम निकालना सम्भव है, आदि) का पता चल जाता है।
हर देश के अपने-अपने बैंक सम्बन्धी नियम होते हैं। इन नियमों के आधार पर जाना जा सकता है कि किस-किस प्रकार के खाते खोले जा सकते हैं, अर्थात ग्राहक बैंक के साथ किस-किस प्रकार के लेन-देन या क्रियाकलाप कर सकता है। बैंक खातों के खोलने से लेकर, उनके चलाने और् उनके बन्द होने तक के सारे नियम/विवरण लिखित रूप में होते हैं। उदाहरण के लिए खाता खोलने से सम्बन्धित नियमों में यह भी बताया गया हो सकता है कि कौन खाता खोल सकता है और कौन नहीं; ग्राहक अपने सही व्यक्ति होने का प्रमाण किस प्रकार दे सकते हैं (हस्ताक्षर आदि); एक दिन में कितना अधिकतम पैसा निकाला जा सकता है आदि। प्रायः अधिकांश देशों में खाता खोलने वाले व्यक्ति की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। सामान्यतः गलत नाम से खाता खोलना अवैध है।
वित्तीय संस्थाएँ सभी ग्राहकों को अलग-अलग खाता संख्या निर्धारित करतीं हैं।
