![]() |
| Vivek Sir |
चलकर वही विवेक सागर समाज में “Vivek Sir” के नाम से पहचाने गए।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के प्राथमिक विद्यालय से कक्षा 1 से 5 तक हुई। संसाधनों की कमी के बावजूद उनकी सीखने की ललक कभी कम नहीं हुई। इसके बाद गाँव के ही जूनियर स्कूल से आगे की पढ़ाई की।
जूनियर स्कूल की पढ़ाई के बाद Vivek Sir ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए श्री दुर्गा जी इण्टर कॉलेज, चंदेश्वर, आज़मगढ़ में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने श्री दुर्गा जी पी.जी. कॉलेज, चंदेश्वर, आज़मगढ़ से बी.ए. की पढ़ाई शुरू की, लेकिन कुछ कारणों से वह पूरी नहीं कर पाए। इस दौरान उन्होंने अपने भविष्य के लिए कंप्यूटर शिक्षा की ओर ध्यान केंद्रित किया और वर्ष 2018 से पढ़ाना शुरू किया।
शुरुआत बहुत साधारण थी—शहर के एक इंस्टीट्यूट में पढ़ा रहे थे, इसके पहले अपने घर पर ही छोटे बच्चों को पढ़ाते थे। वे बच्चों को केवल कंप्यूटर नहीं सिखाते थे, बल्कि आत्मविश्वास, अनुशासन और आगे बढ़ने की सोच भी देते थे। पढ़ाते-पढ़ाते उन्होंने महसूस किया कि शिक्षा देना उनका पेशा नहीं, बल्कि उद्देश्य है। धीरे-धीरे छात्रों और अभिभावकों के बीच उनकी पहचान बन गई और “Vivek Sir” नाम विश्वास का प्रतीक बन गया।
पढ़ाने के साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने हार नहीं मानी और वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से बीसीए की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद छत्तीसगढ़ की कलिंगा यूनिवर्सिटी से एमसीए की उच्च शिक्षा पूरी की। यह सफर आसान नहीं था—आर्थिक तंगी, समय की कमी और पारिवारिक जिम्मेदारियाँ हर कदम पर चुनौती बनकर खड़ी थीं, लेकिन उनके संकल्प ने हर मुश्किल को पीछे छोड़ दिया।
संघर्षों और अनुभवों से मिली सीख को आधार बनाकर Vivek Sir ने Goel Institute of Management & Technology की स्थापना की, जो कि आजमगढ़ जिले में स्थित है, यह संस्थान केवल एक कोचिंग सेंटर नहीं, बल्कि उन छात्रों के लिए आशा की जगह है जो सीमित संसाधनों के कारण पीछे रह जाते हैं। यहाँ शिक्षा के साथ-साथ जीवन को समझने की दृष्टि और आत्मनिर्भर बनने की सीख भी दी जाती है। Vivek Sir मानते हैं कि एक अच्छा शिक्षक वही होता है जो छात्र के भीतर छिपी क्षमता को पहचान सके।
आज Vivek Sir एक शिक्षक, संस्थान संचालक और मार्गदर्शक के रूप में जाने जाते हैं। वे अपने छात्रों को केवल सफलता के सपने नहीं दिखाते, बल्कि संघर्ष करने की हिम्मत भी देते हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि गरीबी, सीमाएँ और कठिन परिस्थितियाँ किसी के भविष्य को तय नहीं करतीं—उसे तय करता है इंसान का नजरिया और मेहनत।
Vivek Sir की जीवन यात्रा हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो हालातों से हार मानने की सोच रहा है। यह कहानी बताती है कि यदि इरादे मजबूत हों, सीखने की भूख हो और मेहनत सच्ची हो, तो साधारण जीवन भी असाधारण बन सकता है। आज भी वे सैकड़ों छात्रों के जीवन में उम्मीद की रोशनी जला रहे हैं, और यही उनकी सबसे बड़ी सफलता है।
उनकी कहानी यह संदेश देती है कि जीवन में असफलता केवल अस्थायी होती है। यदि व्यक्ति सच्चे मन और धैर्य के साथ मेहनत करे, तो कोई भी बाधा उसे रोक नहीं सकती। Vivek Sir ने अपने जीवन से यह साबित कर दिया है कि सीमित संसाधनों से निकलकर भी शिक्षा और परिश्रम के माध्यम से कोई भी व्यक्ति समाज में उत्कृष्ट स्थान बना सकता है।

