कब, कहा, कैसे लोग बदल जायेंगे,
ये पता नही,
करते है भरोसा,
आगे क्या होगा होगा,
ये पता नही,
इस जिंदगी में क्या होगा ,
ये पता नही,
आज जी रहा हु, कल क्या होगा,
ये पता नही ,
हर कोई जी रहा है,
फिर भी उसे आगे क्या होगा,
ये पता नही,
फिर भी ना जाने क्यों,
लोग एक दूसरे के दुश्मन है,
ये पता नही,
जब तक जिंदगी है,
हंस कर जी लीजिए,
आगे क्या होगा, ये पता नही।
✍️✍️ विवेक सागर
