जैसा मन, वैसा जीवन कविता- Vivek Sir

जैसा मन, वैसा जीवन कविता- Vivek Sir

जिंदगी खुशियों का बाजार नहीं, जहां खुशियां ही खुशियां हों, यहां धोखा दुःख सब मिलता है, सहने की ताकत होनी चाहिए, सब आसा…